Tuesday, January 24, 2017

आग बनाने की विधि



चिकने, सपाट
सफ़ों से
बर्फ़ीली सर्द
रातों में
आग नहीं
बना करती।
देर तक आग
टिकाने के लिए
के लिए
ढूँढ़ो
कोई खुरदुरा, बासी-सा,
खूब जिया हुआ
काग़ज़
ज़िन्दगी की
तमाम इबारतों
 के गहने पहने
उन पन्नों को 
को ज़रा मरोड़ो
हलके-से
बनाओ उनकी सेज
सजाओ 
उनपर
सूखी भरोसेमंद
लकड़ियों का तिकोना
और तीली से निकली
चिंगारी चले
   तले से
 कि
लपट की
शुरुआत की
किसी को
ख़बर न हो
कानोकान
और फेफड़ों में
हो दम
फूंक मारने का
तब तक
जब तक लकड़ी
का हर टुकड़ा
लौ न पकड़ ले
   लाल-पीली-काली
     लपटों में
उतर न आये
गहरी नीलिमा
जो रोक सके
आग
हर उस धधकते
  कलेजे में
जो सर्द बर्फ़ीली
रातों के

    वारों से
भयभीत होकर
काँपता है.

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